शिमला मिर्च की खेती
- शिमला मिर्च की खेती साल में 3 बार कर सकते है।
- शिमला मिर्च के बीज की पहली बुवाई जून जुलाई में करना चाहिए फिर 25 से 30 दिनों बाद पौधा की रोपाई करना चाहिए।
- शिमला मिर्च के बीज की दूसरी बुवाई अगस्त सितम्बर में करना चाहिए फिर 25 से 30 दिनों बाद खेत में पौधा की रोपाई करना चाहिए।
- शिमला मिर्च के बीज की तीसरी बुवाई दिसम्बर या जनवरी में करना चाहिए फिर जनवरी या फरवरी में पौधा की खेत में रोपाई करना चाहिए।
शिमला मिर्च के पौधे की रोपाई -
- शिमला मिर्च के पौधा रोपाई से पहले खेत की 3 – 4 बार जुताई करना चाहिए।
- खेत की दूसरी जुताई के समय गोबर खाद जरूर डाले इससे पौधा जल्दी तैयार होता है एवं पौधा का रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ते है।
- खेत की तीसरी जुताई के समय आवश्यकता अनुसार N.P.K. की उचित मात्रा में छिड़काव करना चाहिए।
- पौधा की रोपाई 45 सेंटीमीटर की दुरी में करना चाहिए।
- रोपाई को हमेशा शाम के समय करना चाहिए और तुरंत सिंचाई करना चाहिए।
शिमला मिर्च फसल की सिंचाई-
- कम या ज्यादा पानी से शिमला मिर्च के फसल नुकसान होते है इसलिए गर्मी के मौसम में 5 – 7 दिनों के अंतराल में सिंचाई करना चाहिए।
- वही ठंड के मौसम में 14 – 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करना चाहिए इसके साथ ही पानी निकासी का साधन जरूर होना चाहिए पौधा में पानी भरने से फसल नुकसान हो सकते है।
शिमला मिर्च में दवा एवं खाद का उपयोग
- शिमला मिर्च के फसल में गोबर खाद , डीएपी , कम्पोस्ट खाद जिप्सम आदि प्रकार के उर्वरक खाद का प्रयोग कर सकते है।
- इसके बाद शिमला मिर्च में फूल लगने के समय प्लानोफिक्स दवा को आवश्यकता अनुसार पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए इससे फूलो के झड़ना कम हो जाते है एवं फसल में भी वृद्धि होती है।