- सूक्ष्म सिंचाई विधि जैसे ड्रिप या स्प्रिंकलर को अपनाएं।
- आवश्यक अवस्था जैसे अंकुर, फूल का आना और फली के लगने के दौरान लंबे समय तक सूखा रहे तो खेतों की सिंचाई सुबह जल्दी, या देर शाम को या रात में करें ।
- मिट्टी में दरारें पड़ने से पहले सोयाबीन की फसल की सिंचाई करें ।
- पानी के असमान प्रयोग से बचें ।