उड़द की उन्नत किस्में (Urad Improved Varieties)
वर्तमान समय में उड़द की कई उन्नति किस्मो को जलवायु और अधिक पैदावार देने के लिए तैयार किया गया है | जो इस प्रकार है :-
टी. 19
उड़द की यह किस्म कम समय में पककर तैयार हो जाती है | इसके पौधों को तैयार होने में 70 से 80 दिन का समय लग जाता है | इसके पौधों में निकलने वाले दानो का आकार मोटा और रंग गहरा काला होता है | यह किस्म प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 10 से 12 क्विंटल की पैदावार देती है | इसकी खेती खरीफ और जायद दोनों ही मौसम में की जा सकती है |
कृष्णा
कृष्णा किस्म के पौधे बीज रोपाई के तक़रीबन 100 दिन बाद पैदावार देने के लिए तैयार हो जाते है | इसमें निकलने वाले दानो का रंग गहरा भूरा होता है | यह किस्म प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 12 क्विंटल की पैदावार देती है |
पंत यु 19
उड़द की इस किस्म को तैयार होने में 80 से 90 दिन का समय लग जाता है | इसमें निकलने वाले पौधों पर पीले रंग का मौजेक रोग दिखाई देता है | इसके पौधे सामान्य आकार के होते है | भारत में उड़द की फसल मध्य और पश्चिमी इलाको में की जाती है | यह प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 10 से 12 क्विंटल की पैदावार देने के लिए जानी जाती है |
जे. वाई. पी.
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में उड़द की इस किस्म को अधिक मात्रा में उगाया जाता है | इस किस्म की फसल को तैयार होने में 80 से 90 दिन का समय लगता है | इसमें निकलने वाले पौधे दो से ढाई फ़ीट लम्बे होते है | जिसमे प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 13 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो जाती है |
आर.बी.यू. 38
आर.बी.यू. 38 एक कम समय में तैयार होने वाली फसल है, जो बीज रोपाई के तक़रीबन 80 दिन बाद पककर तैयार हो जाती है | जिसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 10 क्विंटल तक होता है | इसमें निकलने वाले दानो का आकार बड़ा और रंग में हल्का काला होता है | इसके पौधों में पत्ती धब्बा रोग नहीं देखने को मिलता है |
यु.जी. 218
इस किस्म को भारत के हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों में खासकर उगाया जाता है | यह किस्म कम समय में अधिक उत्पादन के लिए उगाई जाती है | इसके पौधों को तैयार होने में 80 दिन का समय लग जाता है | इसके पौधों में पीले मौजेक रोग नहीं देखने को मिलता है | यह किस्म प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 15 क्विंटल तक की पैदावार देती है |
इसके अतिरिक्त भी उड़द की बाजार में कई उन्नत किस्मे मौजूद है, जिन्हे अलग-अलग जलवायु के हिसाब से अधिक उत्पादन के लिए पूरे भारत में उगाया जाता है, जो कि इस प्रकार है :- जवाहर उड़द 2, के यू- 309, एल बी जी- 20, के यू- 92-1, वांबन- 1, आजाद उड़द- 1, ए डी टी- 4, टी यू- 94-2, ए डी टी- 5, ए के यू- 4, यू- 301 |